“अच्छा ही होगा”
राधा और शिवा दोनों भाई बहन रेलवे स्टेशन जाने के लिए बस में चढ़े l वे दोनों ही बहुत घबराए हुए थे क्योंकि रेल छुटने का समय और बस स्टॉप से स्टेशन पहुंचने का समय लगभग समान ही था l वे सोच में थे की रेल पकड़ भी पाएंगे या नहीं l बस से उतरते समय एक दिव्यांग ने शिवा से मदद मांगी कि वह स्टेशन तक पहुंचा दे l शिवा ने कुछ सामान अपने कंधे पर लादा और कुछ राधा को देकर, आगे बढ़े l राधा ने एक बार शिवा से कहा भी कि हम लोगों को रेल मिलना बहुत मुश्किल है और इतनी भीड़ में कैसे इस दिव्यांग को स्टेशन तक पहुंचा पाएंगे l राधा से उम्र में छोटे होने के बावजूद भी शिवा ने कहा, “कुछ अच्छा करेंगे तो अच्छा ही होगा, देखते हैं मिल ही जाएगी l बस आप आगे – आगे चलो और मैं भी आ रहा हूं, इनको लेकर l” भीड़ से जल्दी-जल्दी निकलते हुए राधा बार-बार शिवा को देखते हुए आगे बढ़ रही थी और अंत में उस दिव्यांग को उसके मंजिल तक शिवा ने पहुंचा दिया l दोनों भाई – बहन बहुत तेजी से भागे l राधा ने तो मान लिया की रेल छूट ही गई होगी l लेकिन जैसे ही वे दोनों स्टेशन पर पहुंचे, रेल चलने लगी l दोनों रेल में चढ़ गए, पता चला कि रेल 10 मिनट देरी से थी l दोनों बहुत खुश हुए l राधा ने अपने भाई शिवा से कहा कि सही कहा तुमने कि कुछ अच्छा करेंगे तो अच्छा ही होगा l