• कविता

    नाता

    कहाँ किसका किससे क्या नाता है? एक आता और एक जाता है। बस एक तथ्य सत्य बताता है, हम सबको वो ‘एक’ ही बनाता है, इस नाते आपका और हमारा, बड़ा गहरा और दिव्य नाता है।

  • कविता

    जोड़

    आज-कल सब कुछबिखरा-बिखरा नज़र आता है,‘जोड़’ तो बसदुगनी शक्ति को दर्शाता है।जुड़ते, जोड़ते यह शक्तियूँही बढ़ती रहे,यही भाव इस जग को                                     सुन्दर बनाता है।

  • कविता

    नारी

    रिश्ता है ना नाता हैफिर भी अपनाती हैएक बात पर वहअपने घर से दूसरे घर कीअपनी बन जाती हैहर रिश्ते को निभाती हैअपना सब भूल जाती हैऔर हम समझ ही नहीं पाते उसेजो स्वयं संसार को चलाती है….।