कविता

अपने दम पर

करना हो कुछ,
अपने दम पर करो !
दूसरों पर भरोसा,
थका देगा, हरा देगा,
अपने दम पर ही
रास्ता तय होगा
मंजिल तक पहुंचने का ।

साथ,
बीच में छूट जाएगा
तुम्हें भटकाएगा,
रह जाओगे अकेले
किसी सुनसान वीराने में,
जहाँ स्वयं को ढूंढ़ना
आसान न होगा ।

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