• मानक हिंदी

    स्वीकृत शब्दावली निर्माण के सिद्धांत

    1. अंतरराष्ट्रीय शब्दों को यथासंभव उनके प्रचलित अंग्रेजी रूपों में ही अपनाना चाहिए और हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं की प्रकृति के अनुसार ही उनका लिप्यंतरण करना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय शब्दावली के अंतर्गत निम्नलिखित उदाहरण दिए जा सकते हैं :(क) तत्व और योगिकों के नाम, जैसे – हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, आदि।( ख) तौल और माप की इकाइयाँ और भौतिक परिमाण की इकाइयाँ, जैसे – डाइन, कैलोरी, ऐम्पियर, आदि।(ग) ऐसे शब्द जो व्यक्तियों के नाम पर बनाए गए हैं, जैसे – मार्क्सवाद (कार्ल मार्क्स), ब्रेल (ब्रेल), बायॅकाट (कैप्टन बायॅकाट), गिलोटिन (डाॅ. गिलोटिन), गेरीमैंडर (मि. गेरी), एम्पियर (मि. एम्पियर), फारेनहाइट तापक्रम (मि. फारेनहाइट) आदि।(घ) वनस्पति विज्ञान, प्राणी विज्ञान, भूविज्ञान आदि की द्विपदी नामावली।(ङ)…

  • कविता

    बलिदानी शीश

    मज़लूमों की रक्षा हेतुप्राण त्याग को आतुर थे,हिंद के पीर, शूरवीरगुरु हरगोविंद सुत, तेग बहादुर थे। माँ ‘नानकी’, ‘गुजरी’ पत्नी कोब्रह्मज्ञान दे अलख जगाया,ऐसा पहली बार हुआ जबस्वयं शहीदी को कदम बढ़ाया। किया ऐलान – ‘धर्म न बदलेगा’सुन ले तू अब औरंगजेब!अपनाएंगे इस्लाम सभी जब,पहले अपनाएगा तेग!! बौखलाए दुष्ट ने पहलेभाई सिक्ख ‘मती’ कोआरे से कटवाया,देख न बदल रुख ‘तेग’ का,‘दयाला’ जिंदा जलाया,‘सती’ खोलते पानी में डलवाया। पग न हिला, वचन न डुला,दिया शीश बलिदान,वह ‘शीशगंज’ महान है,‘सिंह’ गुरु गोविंद फिर जग आयासर्वव्याप्त ‘परमात्म’ गुरुजैसे प्रकाशित भानु है।