कविता

रिकॉर्डिंग

एक जमाना था
जब कह देते थे अपनी
सुन लेते थे उनकी
कर लेते थे दिल हल्का
कुछ कहकर अपने मन की।

अब सब यहाँ बदल गया
मन की कहने से अंतर्मन सहम गया
विश्वास तमाशा बन गया
रिकॉर्डिंग से वह छल गया
संबंध व्हाट्सएप में ढल गया।

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