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ओ राधारानी! तुम हो कौन?
ओ राधारानी! तुम हो कौन? बृषभान दुलारी या नंदलाल की प्यारी होगोपियों की सखी या बरसाने की रानी हो ओ राधारानी! तुम हो कौन? तुम्हारा नाम, यमुना के कल-कल में तुम्हारा नाम, वृंदावन की कुंजगली में तुम्हारा नाम, हर प्राणी के अंतसमन में तुम्हारा नाम, गिरधर की मुरली में ओ राधारानी! तुम हो कौन? अरे राधा! तुम्हारी सुंदरता पर, चाँद-सूरज भी लजाएँ तुम्हारी मुस्कान पर, फूल भी लहराएँ तुम्हारी एक दृष्टि को, प्रकृति भी ललचाए तुम्हारे प्यार पर, स्वयं प्रभु भी झुक जाएँ ओ राधारानी! तुम हो कौन? अरे राधा! संज्ञान में आया, तुम कृष्ण का प्रेम हो तुम कृष्ण का भेद हो तुम ही कृष्ण की…