
तुम शिव की शक्ति
हे नारी!
तुम शिव की शक्ति
इस धरा पर भक्ति
ममता की मूरत
प्रेम की सूरत
जीवन दायिनी हो तुम !
हे नारी!
भावों को समेटे
धैर्य को लपेटे
अँधेरे को गहराई में उतारे
चेहरे पर लालिमा बिखरे
चहूँ-ओर आलोक फैलाती हो तुम !!
हे नारी!
तुम्हें समझने वाली मात्र तुम
तेरी अद्भुत सृष्टि में
सब कुछ अनोखा हो जाता
कुरूप को सुंदर
मृत को भी प्राणमय बनाती हो तुम!!!
हे नारी!
तुम शिव की शक्ति!!!!

