भारत माँ के वीर सपूत

  • भारत माँ के वीर सपूत

    बंता सिंह

    कुछ लोग अपने लिए जीते हैं और चले जाते हैं कुछ परिवार के लिए जीते हैं और उनकी यादों में रह जाते हैं कुछ ऐसे भी होते हैं जो वतन के लिए जीते हैं और सदा के लिए हर दिल में बस जाते हैं। ऐसे ही वतन के लिए जीने वाले थे बंता सिंह। बंता सिंह का जन्म 1890 पंजाब के जालंधर जिले के संघवाल नामक ग्राम में हुआ था। उनके पिता नाम बूटा सिंह और माता का नाम गुजरी था। बूटा सिंह बड़े ही धार्मिक, साहसी व्यक्ति होने के साथ-साथ एक किसान व अच्छे उद्यमी भी थे। बंता सिंह बचपन से ही पढ़ने में बहुत होशियार थे। प्रारंभिक शिक्षा…

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    महारानी तपस्विनी बाई

    बहादुरों जब भारत माता बंदी हो, तुम्हें चैन से सोने का हक नहीं। नौजवानों उठो भारत भूमि को फिरंगियों से मुक्त कराओ। ऐसे शब्द शक्ति का संचार, जिसने भारतीयों के रग-रग में देश भक्ति की भावना को भर दिया; सोए हुए को जगा दिया और साधारण जीवन को तपस्वी बना दिया, वह थीं महारानी तपस्विनी। महारानी तपस्विनी बाई झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की रिश्ते में भतीजी और उनके एक सरदार पेशवा नारायण राव की पुत्री थीं। सन् 1857 की क्रांति में इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष रूप से जनक्रांति के लिए पूर्व-पीठिका तैयार करने में। महारानी तपस्विनी बाई का जन्म सन् 1842 बेलूर, कर्नाटक में हुआ। वह एक बाल विधवा…