मेरी दिव्य यात्रा
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*’स्कंद कवच’*
भगवान कार्तिकेय की परम् इच्छानुसार संत सुंदर जी द्वारा रचित कल्याणकारी ‘स्कंद कवच’ ‘स्कंद’ ही कवच है ‘स्कंद’ ही रक्षा है ‘स्कंद’ परमेश्वरा ‘स्कंद’ ही कैलाश है ‘स्कंद’ नेत्रों की मणि ‘स्कंद’ नासिका प्राण है ‘स्कंद’ जिह्वा अमृतपान ‘स्कंद’ ही श्रोत्र देवगान है ‘स्कंद’ देही परमतत्व ‘स्कंद’ ही मन आरंभ है ‘स्कंद’ विचार जन्म स्त्रोत ‘स्कंद’ ही भक्तों का दुर्ग स्थान है ‘स्कंद’ मोक्ष है सदा ‘स्कंद’ ही परमानंद है ‘स्कंद’ ज्ञान का सृष्टिकर्ता ‘स्कंद’ ही रम्य में अति रमणीय है ‘स्कंद’ करुणा की जननी ‘स्कंद’ ही जन्मरोग विनाशक है ‘स्कंद’ हर रोग की औषधि ‘स्कंद’ ही रक्षक कृष्णा है ‘स्कंद’ काया का संरक्षक ‘स्कंद’ ही सर्वोच्च है हे ‘स्कंद’!…
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‘गणपति कवच’
श्री गणेशाय नमःश्रीगणेश जी की परम इच्छानुसार संत सुंदर जी द्वारा रचित कल्याणकारी ‘गणपति कवच’ ‘गणपति कवच’ हे गजानन! आपका अभयहस्त, हमारी पूर्णतः रक्षा करे।हे गणपति! नागनासा, हमारे सभी भय, चिताओं का जड़ से नाश करे।हे लंबोदर! आपका विशाल उदर, हमारे सभी विघ्नों का क्षय करे।हे गणनाथ! आपके हस्त, सदैव हमें आपके प्रेमपूर्ण आलिंगन में रखें।हे विघ्नेश्वर! गजमुखा की अनंत शक्ति, सभी शत्रुओं का विनाश करे।हे गुणालय वेरंबन! हमारे बुरे विचारों को निरा निष्कासित करें।हे कर्मानायक! सभी बुरे कर्मों के प्रभाव से रक्षा करें।हे गणनादर के भूतगणों! सभी दुर शक्तियों से हमारी रक्षा करें।हे रिद्धि-सिद्धि नायक! श्रेष्ठ ज्ञान व उच्च गुणों को हमें प्रदान करें।हे नवग्रह नायक! सर्वजन्मकर्मों से हमारी…