लघु कथा
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“अच्छा ही होगा”
राधा और शिवा दोनों भाई बहन रेलवे स्टेशन जाने के लिए बस में चढ़े l वे दोनों ही बहुत घबराए हुए थे क्योंकि रेल छुटने का समय और बस स्टॉप से स्टेशन पहुंचने का समय लगभग समान ही था l वे सोच में थे की रेल पकड़ भी पाएंगे या नहीं l बस से उतरते समय एक दिव्यांग ने शिवा से मदद मांगी कि वह स्टेशन तक पहुंचा दे l शिवा ने कुछ सामान अपने कंधे पर लादा और कुछ राधा को देकर, आगे बढ़े l राधा ने एक बार शिवा से कहा भी कि हम लोगों को रेल मिलना बहुत मुश्किल है और इतनी भीड़ में कैसे इस दिव्यांग…
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“सब अपने हैं”
राहुल हमेशा चीनू के यहां जाने की जिद करता था परंतु राहुल की मां हमेशा उसे जाने के लिए डांट कर मना कर देती थी l चीनू के बार – बार आग्रह करने पर इस बार राहुल से रहा नहीं गया और मां को बिना बताए चला गया l देर होने के कारण मां बहुत चिंता में सोच रही थी कि आखिर आज इतनी देर कैसे हो गई? कुछ देर बाद राहुल हंसते – खेलते घर की ओर आ ही रहा था कि मां दूर से ही देख राहुल पर बरस पड़ी l राहुल ने अपनी मां से कहा; आप मुझे हमेशा गलत बताती आईं हैं…. कि वह स्लम एरिया…
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कक्षा में एक दिन
मीरा और उसकी सभी सहेलियां कक्षा में एक साथ बैठकर दोपहर का खाना खाते हैं। एक दिन अचानक किसी कारण मीरा स्कूल नहीं आ पाती। जब वह दूसरे दिन आती है तो खाने के समय में सब लोग रोज की तरह साथ रहते हैं लेकिन वह क्या देखती है कि उसकी एक सहेली दूर अलग बेंच पर खाना खोल कर बैठी है। उसे बहुत अजीब लगता है और वह उससे पूछती है, पार्वती क्या हुआ आज तुम अलग क्यों खाना खा रही ? वह कुछ जवाब नहीं देती। मीरा फिर से पूछती है लेकिन उसकी आंखें आंसू से भर जाती है और वह फिर से जवाब नहीं दे पाती। मीरा…
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आशीर्वाद
रात के लगभग एक बज रहे हैं… अचानक खाँसी शुरू हो जाती है और इतना जोर पकड़ती है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही। बुढ़ापे की मार के साथ हाथ– पैरों ने भी काम करना छोड़ दिया है…..पास में रखे लौटे का पानी भी खत्म हो चुका है…. परेशान, व्याकुल, लाचार मां करें तो क्या करें….. तभी खाँसी की आवाज सुनकर बेटा जाग जाता है और जैसे ही कमरे से बाहर जाने के लिए पैर रखता है कि…. बहू; कहां जा रहे हो इतनी रात में? बेटा; मां को बहुत खाँसी हो रही है परेशान हैं, उनके पास जा रहा हूं। बहू; चुपचाप सो जाओ। बेटा; बहुत ज्यादा…