-
शारदे वंदना
शुभ वाणी शुद्ध विद्या, शुद्ध चित्त प्रदायिनी ! सदा धरूँ तेरा ही ध्यान, है सर्वबाधा विनाशिनी !! जय जय शारदे माता जय जय शारदे माता । जय जय शारदे माता जय जय शारदे माता ।। वीणावादिनी तू ही, पुस्तक धारिणी तू । कमलासनी तू ही, हंस विराजिनी तू ।। जय जय शारदे… ।। मैं मूरख अज्ञानी, मन में तमस भरा । बिनती सुन ले माता, ज्ञान का दीप जला ।। जय जय शारदे..।। मूढ़ता हरके मेरी, बुद्धि प्रदान करो । जिह्वा कवित्व हो माता, विद्या तर्क भरो ।। जय जय शारदे… ।। तू कल्याणी शक्ति, जीवन दायनी तू । दया दृष्टि कर माता, क्षमा दायनी तू ।। जय जय शारदे……
-
*अंधेरा*
उजाले की चाहत तारों सी चमचमाहट सूरज का तेज हर किसी को पाने की तमन्ना, परंतु मुझे अंधेरों से प्यार l उसका आत्मविश्वास कि सूरज का तेज उसके अस्तित्व को बनाए रखेगा, अंधेरा विस्मय हो या सूरज अस्तमय उसे गर्व है कि रोशन उसका ही जहां होगा जब प्रभात की सुनहरी लालिमा में तिल – तिल घुलेगा, लौटेगा फिर अपने जहां में कुछ खोने का भय ना होगा l इस रोशन जहां में जागने की बात सब करते हैं जहां प्रकाश वाह्य आवरण छूती है, मैं तो वह अंधेरा हूं जो अंधेरे में ही सबको रोशन करती हूं l मेरे बिना उसका वजूद ना होगा, नकारते हो मुझे, दुत्कारते हो…
-
“सब अपने हैं”
राहुल हमेशा चीनू के यहां जाने की जिद करता था परंतु राहुल की मां हमेशा उसे जाने के लिए डांट कर मना कर देती थी l चीनू के बार – बार आग्रह करने पर इस बार राहुल से रहा नहीं गया और मां को बिना बताए चला गया l देर होने के कारण मां बहुत चिंता में सोच रही थी कि आखिर आज इतनी देर कैसे हो गई? कुछ देर बाद राहुल हंसते – खेलते घर की ओर आ ही रहा था कि मां दूर से ही देख राहुल पर बरस पड़ी l राहुल ने अपनी मां से कहा; आप मुझे हमेशा गलत बताती आईं हैं…. कि वह स्लम एरिया…